
प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है, मिल जाए तो बाते लम्बी बिछड़ जाए तो यादें लंबी

चेहरा देख कर दिल लगाया ही नही कभी, हां मुस्कुराहटों पर तेरी कई बार जान लुटाई है हमने…..

ऐसा नहीं था कि मेरी मर्जी नही पूछी गयी, बस मेरी खुशी से ज्यादा मुझे उनकी खुशी प्यारी थी..

अजीब रंगों में ढलता जा रहा हूँ मैं, जैसा नहीं था वैसा बनता जा रहा हूँ मैं…

जिसे पा नहीं सकते ज़रूरी नहीं की, उससे प्रेम करना भी छोड़ दिया जाए… !

यूँ तो जी रहे है पर जिन्दगी कहाँ है, एहसास तो है तेरा पर तू पास कहाँ है !!

दिल एक है तो कई बार क्यों लगाया जाए, बस एक इश्क ही काफी है अगर शिद्दत से निभाया जाए.