
कर्म का हिसाब ना पूछो साहब, हमने तो उन्हें भी गले लगाया जिन्होंने हमारा बुरा चाहा

तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये, मैं किससे पूछू की मेरी खता क्या है

सवाल यह है कि
क्या वाकई मैं मैं तुम्हारा हूं, या जमाने का pressure है

खतरा है इस दौर में, बुजदिलो से दिलेर को,
धोखे से कांट लेते हैं कुत्ते भी शेर को

ये चेहरे की ख़ुशी सिर्फ तेरे इन्तजार की है,
क्यूंकि दिल में आज भी उम्मीद तेरे दीदार की है

अजीब सौदागर है ये वक्त भी, जवानी का लालच दे के बचपन ले गया

होली पे तुझे रंग लगाऊँ, या तुझे तेरे रंग दिखाऊँ !!