
जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है।

कड़वा है, लेकिन सच है, इंसान सबसे ज्यादा जलील अपने पसंद के लोगों से होता है

कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर.. दक्त और प्यार के अलावा और मांगा ही क्या था !!

किसी से सिर्फ उतना मिलों, जितना वो मिलना चाहता है…

गिरना था जो आपको तो सौ मक्राम थे, ये क्या किया कि निगार्हो से गिर गए..

जाने वाले कि सज़ा, आने वाले को ना दो…
