
अब इससे बुरा क्या देखूँ मैं मैंने खुद को सब कुछ खोते हुए देखा

मिल जाएगी हमे भी कोई चाहने वाली,
अब सारा शहर तोह बेवफा नहीं हो सकता

इतना भागा एक शक़स के पीछे, की पैरों से ज़्यादा दिल थक गया

मेरी कश्ती के अब साहिल हो तुम, मेरी छोड़ो और किसी भी काबिल नहीं तुम

“जिंदगी बेरुखी सी हो गयी है, जब से उस शख्स को किसी और से मोहब्बत हो गयी है !!

उसने मुझसे प्यार किया है कब, टुटा हुआ तोह मैं हु वो तोह खुश हैं अब…

में अपनी आँखों से देख रहा हूँ, तुम्हे नज़रों से गिरतें हुए ..