
रिश्तों को वक़्त दो, बहाने नहीं

बहोत खास हो तुम !! यह अहसास दिलातें दिलाते में आम गया

खुदा नवाजे तुझे मुझसे बेहतर, मगर तू मेरे लिए तरसे….

एक शख़्स की ख़ुदा से मांगकर, फिर उसको भूल जाने की दुआ मांगना

मैं खुद उलझा अपनी कहानी मैं कहाँ अब किसी किस्से का किरदार बनूँ

हज़ार ख़्वाब थें मेरे, मैने इंसान ही ग़लत चुन लिया

में बना ही था तबाह होने को,
तुम्हारा मिलना तोह बस एक बहाना थां