
तेरी मौजूदगी की अब नहीं हैं चाहत, मेरी यादों के पन्नों में बेहिसाब है तू

रास्ते में लूट लेती है ये दुनियाँ उन्हें, जिन्हें खुद की कीमत का अंदाज़ा नहीं होता..

तेरे ना होने से बस इतनी सी कमी रहती है,में लाख मुस्कुराऊ आखों में नमी सी रहती है…

मुद्दतो बाद आज फिर परेशान हुआ दिल.. ना जाने किस हाल होगा मुझे भूलने वाला..

मैंने परखा है अपनी बदकिसमती को, मैं जिसे अपना कह दूं, वो फिर मेरा नहीं रहता..>

तोड़ के सारे वादे उसने अपने बाप की इज्ज़त रखली, फिर उस ने साड़ी पहन ली और हम ने दाड़ी रख ली…!

में उसी का जिम्मेदार हूँ, जो मेने कहा है.. उसका नही जो तुमने समझा है.