
हम जो तुमसे मिले हैं इत्तेफ़ाक थोड़ी है, मिल कर तुमको छोड़ दे मजाक थोड़ी है..!!

मुझे तुझसे मोहब्बत ऐसी करनी है, तुझे छूने से पहले तेरी मांग भरनी है…

तुम मेरा आख़री इश्क़ हो, जो मुझे पहली बार हुआ हैं

नुक्रम्मल ना सही अजूस ही रहने दो,
ये इश्क़ हैं कोई मक़सद नहीं

उन्हें फिर से मोहब्बत हुई हैं ये कहते है सभी, भला दूसरी बारिश पर मिट्टी महकी है कभी..!!

तुझ पर हक़ जताना अच्छा लगता है,
एक तू ही तो है जो अपना लगता है.

वक्त मेरा हो या ना हो, मैं तोह हर वक्त तेरा हु