
ना हीरो की तमन्ना है और ना परियों पे मरता हूँ वो एक ” सांवली सी लडकी है जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ

ना हीरो की तमन्ना है और ना परियों पे मरता हूँ वो एक ” सांवली सी लडकी है जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ

हम अफ़सोस क्यों करें की क़ोई हमें ना मिला, अफ़सोस तो वो करें जिन्हें हम ना मिलें

उनकी दुनिया में हम जैसे हज़ारो है, हम ही पागल है जो उसे पाकर मगरूर हो गए

खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गए हो, तुम्हे तो ठीक से बिछड़ना भी नहीं आता

अकड तो सब में होती है, झुकता वही है जिसे रिश्तों की फिक्र होती है

तेरे करीब आकर बड़ा उलझन में हूँ, मैं गैरों में हूँ या तेरे अपनो में हूँ