
साथ मेरे बैठा था पर किसी और के क़रीब था, अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था


सुना हैं जो देर से मिलते है, वह दूर तक चलते है

हजारों चेहरों में एक तुम ही दिल को अच्छे लगें, वरना ना चाहत की कमी थी ना ही चाहने वालों की

हज़ार चाहने वालों से एक निभाने वाला बेहतर हैं

हम अधूरे लोग हैं, ना नींद पूरी है ना ख्वाब

भूल कर सब गर्दीशें, इबादत तेरी सरे आम की है मैंने